बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का शुभारंभ
अनंत आवाज ब्यूरो
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि इस शुभ मंगलवार को अत्यंत आशाजनक पहल की शुरूआत की जा रही है। उन्होंने अपनी घोषणा में कहा कि बिहार में माताओं और बहनों को जीविका निधि साख सहकारी संघ के माध्यम से एक नई सुविधा प्रदान की जा रही है। इस पहल से गांवों में जीविका से जुड़ी महिलाओं को सुगमता से वित्तीय सहायता मिलेगी, जो उनके काम और व्यवसाय को आगे बढ़ाने में सहायक होगी।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि जीविका निधि प्रणाली पूरी तरह डिजिटल है, जिससे संबंधित काम के लिए जाने की आवश्यकता नहीं होगी और सब कुछ मोबाइल फोन के माध्यम से ही किया जा सकेगा। प्रधानमंत्री ने जीविका निधि साख सहकारी संघ के शुभारंभ पर बिहार की माताओं और बहनों को बधाई देते हुए इस उल्लेखनीय पहल के लिए श्री नीतीश कुमार और बिहार सरकार की सराहना की।
जीविका निधि स्थापित करने का उद्देश्य जीविका से जुड़े सामुदायिक सदस्यों को कम ब्याज दरों पर सुगमता से धन उपलब्ध कराना है। इस संस्था में जीविका के सभी पंजीकृत संकुल-स्तरीय संघ सदस्य होंगे। इसके संचालन के लिए बिहार सरकार और केंद्र सरकार धनराशि देगी।
जीविका स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं में पिछले कुछ वर्षों में उद्यमिता काफी बढ़ी है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में कई लघु उद्यम और उत्पादक कंपनियां स्थापित की गई हैं। हालांकि महिला उद्यमियों को प्रायः 18 प्रतिशत से 24 प्रतिशत के उच्च ब्याज दर पर ऋण देने वाली सूक्ष्म वित्त संस्थाओं पर निर्भर रहना पड़ता है। इसी हेतु वैकल्पिक वित्तीय प्रणाली के रूप में जीविका निधि की परिकल्पना की गई है ताकि सूक्ष्म वित्त संस्थाओं पर उनकी निर्भरता कम हो और कम ब्याज दरों पर बड़ी राशि उन्हें समय पर उपलब्ध हो सके।
यह प्रणाली पूर्णतः डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर संचालित होगी, जिससे जीविका दीदियों के बैंक खातों में जल्द और सीधे तथा अधिक पारदर्शी उपायों से धनराशि अंतरण सुनिश्चित होगा। इस प्रणाली की सुगमता के लिए, 12,000 सामुदायिक कार्यकर्ताओं को टैबलेट (पोर्टेबल पर्सनल कंप्यूटर) से लैस किया जा रहा है।
इस पहल से ग्रामीण महिलाओं में उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा और समुदाय-आधारित उद्यम तेज़ी से विकसित होंगे। बिहार में लगभग 20 लाख महिलाएं इस पहल की साक्षी बनेंगी।
श्री मोदी ने कहा कि सशक्त महिलाएं विकसित भारत का प्रमुख आधार हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए उनके जीवन की कठिनाइयां कम करना आवश्यक है। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि सरकार माताओं, बहनों और बेटियों के जीवन को सुगम बनाने हेतु कई पहल कर रही है। प्रधानमंत्री ने बताया कि खुले में शौच बाध्यता से मुक्ति के लिए महिलाओं के लिए करोड़ों शौचालयों का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत करोड़ों पक्के घर बनाए गए हैं, और जिसमें विशेष ध्यान रखा गया है कि ये घर महिलाओं के नाम पर पंजीकृत हों। उन्होंने कहा कि जब एक महिला गृहस्वामिनी बनती है, तो उसकी बातों की अहमियत भी बढ़ जाती है।
श्री मोदी ने स्वच्छ पेयजल की समस्या के समाधान के लिए सरकार की “हर घर जल” पहल का उल्लेख किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि माताओं और बहनों को स्वास्थ्य सेवा की कठिनाईयां दूर करने के लिए आयुष्मान भारत योजना आरंभ की गई है, जिसके अंतर्गत 5 लाख रुपये तक का निःशुल्क उपचार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की निःशुल्क राशन योजना भी चल रही है, जिससे हर मां अपने बच्चों का पेट भरने की चिंता से मुक्त हो गई है। महिलाओं की आय में बढ़ोतरी के लिए, उन्होंने लखपति दीदी, ड्रोन दीदी और बैंक सखी जैसी पहल का उल्लेख किया, जो देश भर में महिलाओं का सशक्तिकरण कर रही हैं। उन्होंने इन योजनाओं को मां और बहनों की सेवा के लिए समर्पित महाअभियान का हिस्सा बताया। श्री मोदी ने जनसमूह को आश्वस्त किया कि आगामी महीनों में, उनकी सरकार बिहार में इस मिशन में और तेजी लाएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार एक ऐसी धरती है, जहां मातृशक्ति के प्रति श्रद्धा और मां का सम्मान सदैव सर्वोपरि रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार में गंगा मैया, कोसी मैया, गंडकी मैया और पुनपुन मैया जैसी देवी-देवताओं की गहरी श्रद्धा के साथ पूजा की जाती है। श्री मोदी ने कहा कि मां जानकी बिहार की पुत्री थीं, जो इसी भूमि की सांस्कृतिक परंपराओं में पली-बढ़ी और जिन्हें दुनिया भर में सीता माता के रूप में पूजा जाता है। उन्होंने कहा कि छठी मैया की पूजा सबके लिए वरदान माना जाता है। श्री मोदी ने कहा कि नवरात्रि का पावन पर्व निकट आ रहा है, जिसमें देश भर में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है और बिहार तथा पूर्वांचल क्षेत्र में सतबहिनी पूजा की भी पीढ़ियों से चली आ रही परंपरा है, जिसमें सात बहनों को दिव्य मां के रूप में पूजा जाता है। उन्होंने बल देते हुए कहा कि मां के प्रति गहरी आस्था और भक्ति बिहार की एक विशिष्ट पहचान है।