प्राथमिकता से पूरा करें हरिद्वार गंगा कॉरिडोर के कार्यों को: मुख्यमंत्री
अनंत आवाज ब्यूरो
देहरादून। हरिद्वार कुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के साथ-साथ उसके व्यवस्थित संचालन, पुख्ता सुरक्षा के लिए प्रदेश सरकार ने वृहद स्तर पर अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुंभ से संबंधित सभी स्थायी प्रकृति के कार्यो को पूरा करने के लिए अधिकारियों को अक्टूबर 2026 तक की डेट लाइन निर्धारित की है।
उत्तराखंड सचिवालय में हरिद्वार कुंभ 2027 की तैयारियों के लिए बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि हरिद्वार में कुम्भ मेला 2027 के भव्य एवं दिव्य आयोजन की सभी तैयारियां निर्धारित समय सीमा के तहत पूरी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में कुम्भ मेला के अन्तर्गत होने वाले सभी स्थायी प्रकृति के कार्य अक्टूबर 2026 तक पूर्ण हो जाने चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्यों को आगे बढ़ायें और प्राथमिकता के आधार पर वर्गीकृत कर उन्हें पूर्ण करें।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि भव्य और दिव्य कुंभ का आयोजन कराना राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। इसलिए कुंभ मेले से संबंधित सभी कार्य विस्तारित क्षेत्र और मास्टर प्लान को ध्यान में रख कर किए जाएं। मास्टर प्लान में सभी सेक्टर, मार्ग, पार्किंग, घाट, कैम्प स्थलों को स्पष्ट तौर पर चिन्हित किया जाए, ताकि इसके अनुसार आवश्यक भूमि का अधिग्रहण करने के साथ ही संबंधित भूमि का अस्थायी उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। इसके अलावा भीड़ का दबाव कम करने के लिए नए घाटों का निर्माण, कांगड़ा घाट का विस्तार और मौजूदा घाटों की मरम्मत भी समय से पूरी कर ली जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेला सकुशल सम्पन्न कराने के लिए सरकारी भूमि, सड़कों पर से अतिक्रमण सख्ती के साथ हटाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूआईआईडीबी द्वारा हरिद्वार गंगा कॉरिडोर में जो भी कार्य किए जा रहे हैं, उन्हें कुंभ को देखते हुए प्राथमिकता पर पूरा किया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्माणाधीन बहादराबाद श्यामपुर बाईपास को जल्द पूरा किया जाए, ताकि इसका अधिकतम लाभ कुंभ के दौरान मिल सके। इसी तरह उन्होंने श्यामपुर, गैंडीखाता एवं चण्डीघाट क्षेत्र में विशेष टेंट लगाने के लिए मास्टर प्लान तैयार करने के अतिरिक्त कुंभ क्षेत्र में यातायात एवं पार्किंग व्यवस्था सुदृढ़ करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु ट्रैफिक डायवर्जन योजना, पार्किंग स्थल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और पार्किंग दूर होने पर शटल सेवा की व्यवस्था पर विचार किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि कुंभ क्षेत्र में आंतरिक मार्गों को भी समय से ठीक किया जाए, ताकि इसका लाभ स्थानीय निवासियों को भी मिल सके। मंसा देवी, चंड़ी देवी पैदल मार्ग के सुदृढीकरण का कार्य समय से पूरा कर लिया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ठोस कचरा अपशिष्ट के लिए जीरो वेस्ट कॉन्सेप्ट अपनाया जाए, कुंभ क्षेत्र में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, डस्टबिन, रीसाइक्लिंग सिस्टम और मोबाइल टॉयलेट की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। महिला श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पिंक टायलेट और चेंजिंग रूम की भी पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। घाटों और गंगा तटों पर 24 घंटे सफाई व्यवस्था की जाए। हरकी पैड़ी में श्रद्धालुओं के लिए आरती और बैठने की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा से संबंधित सभी इंतजाम समय से पूरे कर लिए जाएं। भीड़ प्रबंधन, यातायात नियंत्रण और पार्किंग व्यवस्था के साथ ही पार्किंग स्थलों पर सभी मूलभूत सुविधाएं दी जाए जाएं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रत्येक घाट पर लाइफगार्ड, सुरक्षा रस्सी और मोटर बोट की हमेशा उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि श्रद्धालु उत्तराखंड से अच्छे अनुभव लेकर जाएं, इसके लिए यात्रियों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाए। इसके लिए कार्मिकों को अभी से प्रशिक्षण दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेला क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं सुदृढ़ रखी जाएं। मेला क्षेत्र में अस्थायी अस्पताल, एम्बुलेंस व मोबाइल चिकित्सा दल की व्यवस्था की जाए। मेला प्रबंधन में आईटी व डिजिटल सेवाओं का अधिकतम उपयोग किया जाए। श्रद्धालुओं को रियलटाइम सूचना देने के लिए मोबाइल ऐप, हेल्पलाइन और सूचना केंद्र स्थापित किए जाएं। उन्होंने मुख्य सचिव को कुंभ मेला तैयारी की समीक्षा 15 दिन में करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में विधायक मदन कौशिक, प्रेमचंद अग्रवाल, आदेश चैहान, श्रीमती रेनू बिष्ट, रवि बहादुर, श्रीमती अनुपमा रावत, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, डीजीपी दीपक सेठ, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, एल फेनई, आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, नितेश झा, डॉ पंकज पांडेय, डॉ आर. राजेश कुमार, सचिव पर्यटन धीराज सिंह गब्र्याल, युगल किशोर पंत, मेलाधिकारी श्रीमती सोनिका और वर्चुअल माध्यम से गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप एवं संबंधित जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक शामिल हुए।